top of page
.jpeg)
दोस्तो!
हर सफ़र के तीन पड़ाव होते हैं - नया कदम उठाने का हौसला; कदम दर कदम बढ़ते रहने का जोश; और फिर मंजिल पर पहुँचने का सुकून।
सुकून है कि लिखत पोएटिका - क, बेगम इक़बाल बानो फाउंडेशन के हौसलों से उठा एक नया कदम है। आप इसे किताब कह सकते हैं l
इस कदम के हमकदम हैं 95 कवि, जो हिन्दी, पंजाबी और अंग्रेज़ी से होकर, पाखी रे क्रिएटिव्स के ज़रिये इस किताब की मंज़िल तक पहुँचे हैं। इन्हें बधाई दीजिये,
किताब घर लाइये, प्री-ऑर्डर कीजिये l कवितायें घर में सुकून लाती हैं l
Begum Iqbal Bano Foundation
Mumbai, Maharashtra
India
bottom of page